दुनिया में कोरोना वैक्सीन से असमानता बढ़ने का भी खतरा जताया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक ओर यूरोप और उत्तरी अमेरिका के देशों ने बड़ी मात्रा में टीकों का भंडारण कर लिया है, जबकि विकासशील और गरीब देश अपने हिस्से की खुराक पाने के लिए जूझ रहे हैं।
इंग्लैंड के संक्रामण रोग विशेषज्ञ मार्क एक्लेस्टन टर्नर के मुताबिक, दुनिया के लिए यह शर्म की बात है कि लोगों तक वैक्सीन जरूरत के बजाय भुगतान क्षमता के हिसाब से पहुंच रही है। ऑक्सफोर्ड इकनॉमिक्स के अनुसार, 2025 तक धनी देशों के मुकाबले विकासशील एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं में महामारी से दोगुना नुकसान होगा।